महिलाएं ऑनलाइन शॉपिंग की बहुत शौकीन होती हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां आए दिन कोई न कोई सेल या महासेल का ऑफर देकर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करती हैं. छुट्टियों और फेस्टिवल सीजन में यह बढ़ जाता है. महिलाएं समय की बचत करने और बाजारों के चक्कर काटने से बचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पसंद करती हैं लेकिन जुलाई महीने से जीएसटी के लागू होने के कारण ऑनलाइन शॉपिंग अब उन्हें महंगी पड़ने वाली है.
कोरल रिसर्च सर्विस कंपनी की रिसर्च टीम में शामिल सौरव कहते है, ‘भारतीयों में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड धीमी गति से प्रचलित हो रहा है. मगर महिलाएं इससे काफी जुड़ी हुई हैं. यह उनके लिए आसान भी है और कम पैसे और मेहनत में अच्छा सामान भी मिल जाता है. खासतौर पर फ़ेस्टिवसीजन आते ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर महिलाओं की रुचि बढ़ जाती है. लेकिन इस जुलाई से अब महिलाओं के लिए ऑनलाइन शॉपिंग का सौदा फायदेमंद नहीं होने वाला है.
दरअसल जीएसटी के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं दोनों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होगा. उन्हें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी. पहले कर के दायरे में नहीं आने के कारण ऑनलाइन विक्रेता सस्ते में सामान बेच देते थे. अब ई-कॉमर्स कंपनियों का अनुमान है कि अब जो भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान बेचना चाहेगा उसे एक फीसदी का कर देना पहले ही देना होगा. इस सब से सामानों के दाम बढ जाएंगे और लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना सस्ता नहीं रहेगा. जीएसटी के तहत
ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सरकार को बताना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कितने विक्रेता अपना सामान बेच रहे हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े कुछ दिलचस्प आंकड़े
1- महिलाएं अधिकतर मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करती हैं.
2- कैश ऑन डिलेवरी पर उत्पाद मंगवाने पर महिलाओं को अधिक भरोसा है.
3- कपड़ों के साथ महिलाएं होम एप्लाइन्सेज अधिक खरीदती हैं.
4- महिलाओं को ऑनलाइन मिलने वाले डिस्काउंट का आकर्षण अधिक होता है.
महिलाएं ऑनलाइन शॉपिंग की बहुत शौकीन होती हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां आए दिन कोई न कोई सेल या महासेल का ऑफर देकर ग्राहकों को लुभाने की कोशिश करती हैं. छुट्टियों और फेस्टिवल सीजन में यह बढ़ जाता है. महिलाएं समय की बचत करने और बाजारों के चक्कर काटने से बचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग पसंद करती हैं लेकिन जुलाई महीने से जीएसटी के लागू होने के कारण ऑनलाइन शॉपिंग अब उन्हें महंगी पड़ने वाली है.
कोरल रिसर्च सर्विस कंपनी की रिसर्च टीम में शामिल सौरव कहते है, ‘भारतीयों में ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड धीमी गति से प्रचलित हो रहा है. मगर महिलाएं इससे काफी जुड़ी हुई हैं. यह उनके लिए आसान भी है और कम पैसे और मेहनत में अच्छा सामान भी मिल जाता है. खासतौर पर फ़ेस्टिवसीजन आते ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर महिलाओं की रुचि बढ़ जाती है. लेकिन इस जुलाई से अब महिलाओं के लिए ऑनलाइन शॉपिंग का सौदा फायदेमंद नहीं होने वाला है.
दरअसल जीएसटी के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सामान बेचने वाले विक्रेताओं दोनों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी होगा. उन्हें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी. पहले कर के दायरे में नहीं आने के कारण ऑनलाइन विक्रेता सस्ते में सामान बेच देते थे. अब ई-कॉमर्स कंपनियों का अनुमान है कि अब जो भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान बेचना चाहेगा उसे एक फीसदी का कर देना पहले ही देना होगा. इस सब से सामानों के दाम बढ जाएंगे और लोगों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना सस्ता नहीं रहेगा. जीएसटी के तहत
ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सरकार को बताना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कितने विक्रेता अपना सामान बेच रहे हैं.
ई-कॉमर्स कंपनियों को यह सरकार को बताना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कितने विक्रेता अपना सामान बेच रहे हैं.
ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े कुछ दिलचस्प आंकड़े
1- महिलाएं अधिकतर मोबाइल एप के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करती हैं.
2- कैश ऑन डिलेवरी पर उत्पाद मंगवाने पर महिलाओं को अधिक भरोसा है.
3- कपड़ों के साथ महिलाएं होम एप्लाइन्सेज अधिक खरीदती हैं.
4- महिलाओं को ऑनलाइन मिलने वाले डिस्काउंट का आकर्षण अधिक होता है.
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